आपके कर्म ही आपकी पहचान है, वरना इस दुनिया में एक नाम के तो हजारों इंसान है…
यह कहानी है एक जादूगर की, जो जादू दिखाने के लिए धीरे-धीरे प्रसिद्ध होता जा रहा था... राज दरबार में बात पहुंची तो राजा ने उसे जादू दिखाने के लिए बुलाया। जादूगर को लगा कि जिंदगी में सबसे बड़ी कमाई करने का अवसर आ चुका है... जादूगर यह सोच रहा था कि वह सबसे अच्छा जादू दिखाएगा, और सबसे ज्यादा इनाम राजा जी से पायेगा... जब वो दरबार में पहुंचा, तो उसे लगा कि सारे जादू तो दिखा चुका हूं... आज कुछ नया करता हूं... तो उसने जादू करके राजा का मुकुट गायब कर दिया। जैसे ही मुकुट गायब हुआ, दरबारी हंसने लगे... राजा साहब को यह अपनी तौहीन लगी... गुस्से में आकर उन्होंने कहा- कि इस जादूगर को काल कोठरी में डाल दो और 7 दिन के बाद इसे मृत्यु दंड दिया जाएगा।
जादूगर गया था जादू दिखाने के लिए, नाम पाने के लिए, पर उसे कोठरी में डाल दिया गया... उसकी पत्नी को बात मालूम चली, तो वो रोती बिलखती पहुंची अपने पति से मिलने। जब वो अपने पति से मिली, तो देखा की जादूगर मुस्कुरा रहा था... पत्नी ने चौंक कर कहा कि पागल तो नहीं हो गए हो? 7 दिन के बाद में तुम यह दुनिया छोड़कर चले जाओगे और तुम मुस्कुरा रहे हो? जादूगर ने कहा- की चिंता क्यों करती हो? अभी 7 दिन का समय है... अभी मुस्कुराओ, खुश रहो... सब ठीक होगा। पत्नी को लगा, की पति पागल हो गया है... मौत को सामने देख कर पागलों जैसी बातें कर रहा है... वह चुपचाप वहां से चली गई... आखिरकार फांसी का दिन आ गया.. राजा घोड़े पर सवार होकर उस जादूगर के पास पहुंचा आखिरी बार मिलने के लिए, और जब जादूगर ने देखा की राजा घोड़े पर आया है, तब उसके दिमाग में एक तरकीब सूझी... जैसे ही राजा वहां आया, तो जादूगर उदास हो गया, रोने का नाटक करने लगा... राजा ने कहा कि- हां भाई! क्या हुआ? उसे दिन तो मुकुट गायब कर रहा था?जादू दिखा रहा था... आज जब तेरे सामने फांसी का फंदा है, तो तुझे रोना आ रहा है?
जादूगर ने कहा- कि नहीं महाराज! मैं मरने से नहीं डर रहा हूं... मरना तो सबको है... मुझे इस बात का डर है, कि बरसों से कला सीख रहा था। अपने घोड़े को उड़ाना सीख रहा था। उसे उड़ना चाहता था. वह काम बस एक साल में पूरा होने वाला था... अब मैं वह कल अपने साथ ही लेकर के दुनिया छोड़ जाऊंगा। मुझे इस बात का अफसोस हो रहा है... राजा के मन में आया कि यह जादूगर उड़ने वाला घोड़ा तैयार कर रहा है... कल को वह घोड़ा अगर मेरे पास आ गया, तो बड़े से बड़ा युद्ध आसानी से जीत जाऊंगा। बड़े-बड़े युद्ध में बड़े से बड़े राजा को ऐसी हार दूंगा की सदियों तक मेरी वीरता के किस्से गाये जाएंगे... उड़ने वाला घोड़ा तो मेरे पास होना ही चाहिए। इसी लालच में राजा ने उससे कहा- जादूगर! एक काम करते हैं... एक साल का तुम्हें समय देता हूं.... एक साल के बाद में अगर वो घोड़ा तुमने मुझे दे दिया, तो बात ठीक है... लेकिन अगर नहीं दिया, तो तुम्हें फांसी की सजा दे दी जाएगी। तब तक के लिए तुम्हें रिहा किया जाता है....
जादूगर सीधा अपने घर पहुंचा। वहां जाकर के देखा कि घर में मातम छाया हुआ था... लोग रो रहे थे, रिश्तेदार आए हुए थे, इसकी पत्नी रो रही थी.... लेकिन अपने पति को जिंदा देखकर वो खुश हो गई...आधे घंटे के बाद जब सब लोग चले गए, तब पत्नी ने फिर से पूछा एक बात बताओ? राजा ने आपको छोड़ कैसे दिया? तो जादूगर ने कहा कि एक शर्त पर छोड़ा है... एक साल के अंदर मुझे उन्हें उड़ने वाला घोड़ा देना है... पत्नी ये सुनते ही सकते में आ गयी... उसने कहा- ये तो नामुमकिन है... जादूगर ने कहा- मालूम है मुझे! लेकिन एक साल का समय है... इस 1 साल में खुश रहो, मुस्कुराओ, इस जिंदगी को जियो। बस यही कहना चाहता हूं...
और कमाल यह हुआ कि 6 महीने के अंदर राजा की मृत्यु हो गई... 3 महीने के अंदर घोड़ा मर गया... कौन सा घोड़ा, कौन सा राजा? बात ही खत्म हो गई… जादूगर जो कह रहा था, की चिंता मत करो… बात बिल्कुल सही रही...
छोटी सी मजेदार कहानी है, लेकिन हमें सिखाती है कि जिंदगी में हम में से बहुत सारे लोग आज मैं खुश नहीं है... हम कल की चिंता करके दुखी हो रहे हैं... हमें लगता है कि कल यह प्रॉब्लम आएगी, क्या होगा, कैसे होगा? उसकी सोच सोच करके आज दुखी हो रहे है... यह कहानी हमें यही सिखाती है, कि जो होगा देखा जाएगा। जिंदगी में यह फंडा भी बड़ा काम आता है... अगर आप किसी समस्या के बारे में 5 मिनट सोचते हैं, और उसका हल नहीं निकाल सकते, तो आपको समस्या की चिंता ही नहीं करनी चाहिए। उसे ऊपर वाले पर छोड़ देना चाहिए।